100 rupee note भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए 100 रुपये के नोट को बंद करने की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही इन अफवाहों ने आम जनता में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि 100 रुपये का नोट पूर्ण रूप से वैध मुद्रा है और इसे चलन से बाहर करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
नकली नोटों की पहचान: महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताएं
आरबीआई ने नागरिकों को नकली नोटों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताओं की जानकारी दी है। लैवेंडर रंग के 100 रुपये के नोट में निम्नलिखित सुरक्षा विशेषताएं मौजूद हैं:
- वॉटरमार्क: नोट के दाहिनी तरफ महात्मा गांधी का चित्र और ‘100’ अंक वॉटरमार्क के रूप में दिखाई देता है। प्रकाश के सामने नोट को रखने पर यह विशेषता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
- सुरक्षा धागा: नोट के मध्य में एक विशेष सुरक्षा धागा होता है, जिस पर ‘भारत’ और ‘RBI’ शब्द छपे होते हैं।
- रंग परिवर्तन पट्टी: नोट पर एक विशेष पट्टी होती है जो कोण बदलने पर हरे से नीले रंग में बदल जाती है।
- माइक्रो लेटरिंग: नोट पर अत्यंत सूक्ष्म अक्षरों में ‘RBI’ और ‘100’ लिखा होता है, जो मैग्निफाइंग ग्लास से ही पढ़ा जा सकता है।
डिजिटल भुगतान का प्रभाव और व्यापारियों के लिए विशेष निर्देश
यूपीआई और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों के बढ़ते प्रचलन ने नकली नोटों की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे लेन-देन में अभी भी नकद का प्रचलन अधिक है। इस स्थिति को देखते हुए आरबीआई ने व्यापारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- प्रत्येक नोट स्वीकार करते समय उसकी सुरक्षा विशेषताओं की जांच करें
- संदिग्ध नोट मिलने पर तुरंत स्थानीय पुलिस या बैंक को सूचित करें
- कर्मचारियों को नोट की जांच का प्रशिक्षण दें
- नोट जांच मशीन का उपयोग करें
बैंकों की भूमिका और जागरूकता अभियान
बैंकों को अपने ग्राहकों को नोटों की जांच के तरीके सिखाने की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही, नकली नोट मिलने पर उसे जब्त कर उचित अधिकारियों को सौंपने का निर्देश दिया गया है। बैंकों को अपनी शाखाओं में नोट जांच मशीन उपलब्ध कराने को कहा गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक लगातार नई सुरक्षा विशेषताओं को शामिल कर इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रहा है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक डिजिटल भुगतान का उपयोग करें और नकद लेन-देन में विशेष सावधानी बरतें।
शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका
स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को नोटों की प्रामाणिकता पहचानने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो युवा पीढ़ी को नकली मुद्रा के खतरों से अवगत कराता है और उन्हें सतर्क रहने में मदद करता है।
100 रुपये के नोट को बंद करने की अफवाहों पर ध्यान न दें। हालांकि, नकली नोटों से बचने के लिए आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। डिजिटल भुगतान के उपयोग को बढ़ावा देकर और नकद लेन-देन में सावधानी बरतकर इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। आम नागरिक, व्यापारी और बैंक के सामूहिक प्रयासों से ही नकली मुद्रा की समस्या से निपटा जा सकता है।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह नकली मुद्रा की समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। नागरिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और अपने स्तर पर सतर्कता बरतें। यह सामूहिक प्रयास न केवल व्यक्तिगत स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाने में सहायक होगा।